Aparna Sharma

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लेखनी प्रतियोगिता -19-May-2023

स्वैच्छिक कविता 


हास्य वयंग्य  😂

*दुनिया के ढंग*

सर मेरा घूम रहा देख अजब ये रंग 
कुरता अति छोटा हुआ 
और पजामा तंग 

साड़ी भी मार्डन हुई
दिखता आर पार 
सारी है कि नग्न नारी है 
भीषण अचंभा अपार

पीठ से वस्त्र गायब हुआ 
ब्लाउज़ बना पतंग 
सीने से कपड़ा नीचे हुआ 
और पेटीकोट तंग 

जिंस पहले ही टाइट थी 
फट कर शर्म उतारी 
२०००खर्च कर बेबी 
बन गयी भिखारी 

विदेशी कल्चर अपनाकर
कर रही कैबरे और नशा
अंग्रेजन बन गयी ,भूली   संस्कार और अपनी भाषा 

पढ़ा लिखा कर नंगा करें
ये कैसे संस्कार 
जाने कहां विलुप्त हुआ 
सनातन का आधार ..🙏🏻

अपर्णा "गौरी" शर्मा ❤‍🔥

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7 Comments

Punam verma

20-May-2023 09:19 PM

Very nice

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madhura

20-May-2023 04:49 PM

nice

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शानदार और यथार्थ

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